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(収録種別:SARDA) is hit count [2903].
Results 141-150.
 

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141 अथ उत्तर काण्ड / [तुलसीदास] / Tulasīdāsa, 1532-1623 -- Navalakiśora Presan. d.]SARDA
142 हिदायतनामा / बाबूरामचन्द्रसेन ने उर्दूमें निर्म्माणकिया / Sena, Rāmacandra -- Navalakiśora1871 SARDA
143 निवेदन : अर्थात् दयानंदीमत का खंडन / राजा शिवप्रसाद सितारैहिन्द / Śivaprasāda, Sitāraihinda,Dayananda Sarasvati, Swami, 1824-1883 -- Navalakiśora1914 SARDA
144 गुटका / राजा शिवप्रसाद सितारै हिन्द ने बनाया / Śivaprasāda, Sitārai Hinda -- 2. khaṇḍa -- Navalakiśora1914 SARDA
145 [ज्ञान प्रकाश] / Navalakiśora[19--]SARDA
146 अथ बालविवेकिनी : भाषाटीकासहित / वाह्लिदत्ताचार्यने रचना किया ; अम्बिकाप्रसाद पण्डितने वर्ण का अर्थ भाषामें रचनाकर ग्रंथ का नाम सच्चा किया / Vāhlidattācārya,Paṇḍita, Ambikāprasāda -- Navalakiśora1905 SARDA
147 क़ौमसुधार भजन माला : आभीर क्षत्री : जिसमें उत्तम २ भजन व लावनी व ग़ज़ल व दादरा सम्मिलित हैं / रेवतीसिंह वर्म्मा / Varmmā, Revatīsiṃha -- 1. bhāga -- Revatīsiṃha Varmmā,Navalakiśora[1---]SARDA
148 दोहावली : जिसमें ज्ञान भक्ति वैराग्य मिश्रित दोहे हैं और विशेष कर संतोष शिक्षा प्रधान है : सम्पूर्ण रामभक्तानुरागियों के उपकारार्त्थ / गोसाईंतुलसीदासकृत / Tulasīdāsa, 1532-1623 -- Navalakiśora1908 SARDA
149 प्रबोधचन्द्रोदयनाटक : जिसमें नाटककी रीतिपर नट और नटी-काम और रति, विवेक और सुमति-दम्भ, दम्भशिष्य-अहंकार, मोह चरवाक, अज्ञान-क्रोध, लोभ-तृष्णा, हिंसा-भरमावती, मिथ्या-इनमें परस्पर अनेकानेक चित्रबिचित्र बार्ताहुई है उसका वर्णनहै / भुवदेव दुबे ने देशभाषा में बनायाहै / Dube, Bhuvadeva -- 1. va 2. bhāga -- Navalakiśora1893 SARDA
150 श्रीनाथसंग्ह : जिसमें छद्मछबीसी, नाथपदमंजरी गणेशाष्टक, अम्बिकाष्टक, भवानीपंचरत्न, गंगाष्टक, अन्नपूर्णाष्टक, संकटाष्टक, अम्बाविनयाष्टक, विश्वनाथाष्टक, शिवाष्टक, कवीरशाहीपद, काशीपंचरत्न, रामजन्माटक, रघुनाथाष्टक, हनुमन्ताष्टक, कृष्णजन्माष्टक, राधिकाष्टक, यमुनाष्टक, बल्देवाष्टक, कृष्णाष्टक, श्यामाष्टक, मोहनाष्टक, गोपिकाष्टक, गोपीविरहाष्टक, गोपीकरुणाष्टक, गोपीविलापाष्टक, गोपीप्रलापाष्टक, विरहपंचरत्न, मल्लाराष्टक, झूलाष्टक, जनकपुराष्टक, रामब्याहगारी, केशवाष्टक, माधवाष्टक, छद्मपंचरत्न, सांझीपंचरत्न, निर्गुणाष्टक, फागुनवर्णन, गोचारनपंचरत्न, कज्जलिकाष्टक, धनुर्यज्ञसोहराष्टक, रासपंचरत्न, बहारपंचरत्न, आरतीपंचरत्नादि पुस्तकैं अन्तर्ग्गतहैं / लोकनाथद्विदेवीकृत / Dvivedī, Lokanātha -- Navalakiśora1889 SARDA

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