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बैराग्यप्रकाश : अन्तर्ग्गत भजनप्रदीप व सज्जनबिलास : जिसमें अत्युत्तम बैराग्य व ज्ञान निर्मान और काम क्रोध लोभ मोह जगद्विषयादि खण्डन सहित ईश्वर यशानुराग मण्डन व भगवती शिवकाशी विश्वनाथादिप्रशंसा सहित मनोहरपद अल्हैया भैरवी होरी खेम टादिरागोंमें बर्णित है / माधवसिंहने निर्मित किया / Siṃha, Mādhava -- Navalakiśora,1880 ,SARDA
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ज्ञानदीपका : जिसमें प्रेमानुरागियों के चित्त विनोदार्थ : स्वयंब्रह्म परमेश्वर व महादेवजी के कीर्त्तन व स्तोत्र व हनुमानअष्टक अतिसुगमता के साथ अनेक प्रकार के ललित छन्दों में वर्णित हैं / दत्तसिंह ने बनाया ; पंडित दयानन्द ने संशोधनकिया / Varmmā, Dattasiṃha,Paṇḍita, Dayānanda -- Navalakiśora,1889 ,SARDA
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सारस्वत सटीक : जिसमें हसान्त पुल्लिंग, हसान्त स्त्रीलिंग, हसान्त नपुंसकलिंग, युष्मदस्मद्शब्द, अव्यय और स्त्रीप्रत्यय पर्य्यन्त विषय वर्णित हैं / पण्डितउमादत्त और पण्डितशक्तिधर सुकुलने भाषाटीका रचना किया / Umādatta,Sukula, Śaktidhara -- 2. khaṇḍa -- Navalakiśora,1891 ,SARDA
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श्रीदुर्गाबिजयभाषा : जिसमें श्रीमज्जगज्जननी दुष्टदैत्यनिकन्दिनी परमेश्वरी श्रीभगवती दुर्गाजीकाचरित्र वर्णित है / ठाकुरहरिपालसिंह ने रचनाकिया / Siṃha, Ṭākuraharipāla -- Navalakiśora,1898 ,SARDA
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साङ्गीत प्रह्लाद / लक्ष्मणसिंह विरचित / Siṃha, Lakshmaṇa -- Navalakiśora,1913 ,SARDA
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श्रीसीताराम नखशिख / रघुबरसिंह चौधरीने निर्मित किया / Siṃha, Raghubara -- Navalakiśora,1900 ,SARDA
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जपग्रन्थ : श्रीगुरुनानकसर्वेश्वरप्रोक्त : व्याख्यान गुरुग्रन्थप्रदीप / साधुसिंहने निर्मितकिया / Sādhusiṃha -- 2. bāra -- Navalakiśora,1906 ,SARDA
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व्रजविलासकवितावली : सहित प्रीतमपुकारगीतावली / सूर्य्यनारायणलाल ने रचना किया / Sūryya Nārāyaṇa Lāla -- Navalakiśora,1897 ,SARDA
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आनन्दामृतवर्षिणी : अर्थात् भाषा में ब्रह्म-विद्या-निरूपण / स्वामी आनंदगिरि-कृत / Ānandagiri, 13th cent -- Navalakiśora,1929 ,SARDA
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विजयदोहावली / [तुलसीदास] / Tulasīdāsa, 1532-1623 -- Navalakiśora Presa,1913 ,SARDA
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